(पंख बाँधने से यहाँ तात्पर्य पंख जकरे होने से है)
पंख बाँध कर, अगर उड़ सको
तो उड़ो, ये नीला आकाश तुम्हारा है
ये अनंत है
जिधर चाहो,
जितनी गति में चाहो,
जब चाहो
अकेले
या तुम झुंड में चाहो
पर बंधे हुए मगर
( पिंजरे में अगर आकाश भर सकते नही तो,
यह आकाश भी तुम्हारा पिंजरा है )
पंख बाँध कर, अगर उड़ सको
तो उड़ो, ये नीला आकाश तुम्हारा है
ये अनंत है
जिधर चाहो,
जितनी गति में चाहो,
जब चाहो
अकेले
या तुम झुंड में चाहो
पर बंधे हुए मगर
( पिंजरे में अगर आकाश भर सकते नही तो,
यह आकाश भी तुम्हारा पिंजरा है )