सुनने में आया अभी अभी |
निराला दिनकर को ललकार है
बस एक टॉपिक की उनको दरकार है ||
उननें कौम्युनिज्म पर ऐसे लेख़ लिखे
मार्क्स - स्टालिन है fake दिखे |
लिब्रेलाईजेशन पर ऐसा डिबेट डाला
मनमोहन को याद आई अपनी ख़ाला ||
अब संसद घेरने की तैयारी है
सो आई कविता की बारी है |
सोंचा छंदों से वोट टटोलें
हमे देख नेताजी बोले -
सो आई कविता की बारी है |
सोंचा छंदों से वोट टटोलें
हमे देख नेताजी बोले -
"मसले में बस ज़रा दर्द हो
सुनते ही रुहें सर्द हो|
ऐसी भी उसमे कुछ बात हो
बड़ा बखेडा और विवाद हो ||
सुनते ही रुहें सर्द हो|
ऐसी भी उसमे कुछ बात हो
बड़ा बखेडा और विवाद हो ||
सब्जेक्ट rural हेल्थ हो
या भैया कॉमनवेल्थ हो |
चलेगा वैसे नक्सलवाद जी
या दंगा आतंकवाद भी ||"
या भैया कॉमनवेल्थ हो |
चलेगा वैसे नक्सलवाद जी
या दंगा आतंकवाद भी ||"
कलम लिए पोस्टर छपवाए
दूसरों से दीवारों पे स्लोगन लिखवाए -
"शेक्सपियर ये, आंधी है
बुद्धिजीवियों का गाँधी है ||"
दूसरों से दीवारों पे स्लोगन लिखवाए -
"शेक्सपियर ये, आंधी है
बुद्धिजीवियों का गाँधी है ||"
ज़बरन बुक डील्स भी हुई साईन
सो पब्लिशर्स ने धरा दिया deadline |
बेशक केंद्र से allot भी हुआ फंड
और educational दौरों का दौर हुआ बुलंद ||
सो पब्लिशर्स ने धरा दिया deadline |
बेशक केंद्र से allot भी हुआ फंड
और educational दौरों का दौर हुआ बुलंद ||
धीरे धीरे बुक रिलीज़ का आया दिन
नेताजी की कविता ठहरी, सो थी अंतहीन |
ऑफिस की छिटकिनियाँ अन्दर से बंद, सुरक्षा विशेष
बाहर बोर्ड लगा, "For your better tomorrow. Work in Progress" ||
नेताजी की कविता ठहरी, सो थी अंतहीन |
ऑफिस की छिटकिनियाँ अन्दर से बंद, सुरक्षा विशेष
बाहर बोर्ड लगा, "For your better tomorrow. Work in Progress" ||